Saturday, March 19, 2011

रंग बिरंगा होली.........सौरभ दुबे

आज तो होली का त्यौहार आते ही लोगो के दिलो पर एक अजीब ख़ुशी देखने को मिलती हें और हो भी क्यों ना यह एक बहुत पुराना पर्व हें जिसे हम सब होलिका के नाम से जानते हें होली का त्यौहार तंत्र के दृष्टि से भी होली का त्यौहार हम मनाते हें और कहा जाता हें की तत्र के आदि गुरु भगवान शिव माने जाते  हें और वो देवो के देव महादेव हें ,भगवान शिव ने अपना प्रथम बार तीसरी आँख फाल्गुन पूर्णिमा होली के दिन ही खोला था और कामदेव को भस्म कीया था इसलिए यह दिन तीसरी नेत्र जागृत दिन के रूप में मानते हें और तांत्रिक इस दिन विशेष साधना पूजा करते हें जिससे उन्हें भगवन शिव के तीसरे नेत्र से निकली हुयी ज्वाला का आनंद मिल सके और वो उस ज्वाला रूपी अग्नि को अपने अंदर छाये  हुए राग ,द्वेस,काम,क्रोध ,मोह ,माया के बिज को पूर्ण रूप से समाप्त कर सके ,होली  का  पर्व  पूर्णिमा  के  दिन  आता  है और  इस  रात्रि  से  ही  जिस  काम  महोत्सव   का  प्रारंभ  होता  है  उसका  भी  पूरे  संसार  में  विशेष  महत्त्व  है  क्योंकि  काम  शिव  के  तृतीय  नेत्र  से  भस्म  होकार  पूरे संसार  में  अदृश्य  रूप  में  व्याप्त  हो  गया . इस  कारण  उसे  अपने  भीतर  स्थापित  कर  देने  की  क्रिया  साधना  इसी  दिन  से  प्रारंभ  की  जाती  है , सौन्दर्य , आकर्षण , वशीकरण  , सम्मोहन  आदि  से  संबंधित  विशेष  साधनाएँ  इसी  दिन  संपन्न  की  जाती  है ,शत्रु  बढ़ा  निवारण  के  लिए , शत्रु  को  पूर्ण  रूप  से  भस्म  कर  उसे  राख    बना  देना  अर्थात  अपने  जीवन  की  बाधाओं  को  पूर्ण  रूप  से  नष्ट  कर  देने  की  तीव्र  साधनाएँ  महाकाली , चामुंडा , भैरवी ,  धूमावती , प्रत्यंगिरा  इत्यादि  साधनाएँ  भी  प्रारंभ  की  जा  सकती  हैं  तथा  इन  साधनों  में  विशेष  सफलता  शीघ्र  प्राप्त  होती  है ,
काम  जीवन  का  शत्रु  नहीं  है  क्योंकि  संसार  में  जन्म  लिया  है  तो  मोह -माया , इच्छा , आकांक्षा  यह  सभी  स्थितियाँ सदैव   विद्यमान  रहेंगी  ही  और  इन  सब  का  स्वरूप   काम  ही  हैं , लेकिन   यह  काम  इतना   ही  जाग्रत  रहना  चाहिए  की  मनुष्य  के  भीतर  स्थापित  शिव , अपने  सहस्रार  को  जाग्रत  कर  अपनी  बुद्धि  से  इन्हें  भस्म  करने  की  क्षमता  रखता  हो ,वैसे तो मै तंत्र होली के बारे मै ज्यादा  कुछ नहीं  जानता जितना जानता था उतना आप सबको बताने की कोशिस कर रहा हूँ ,वैसे तो होली के बारे में आप सबको मालूम ही होगा की होली कब और, क्यों मनाया जाता हें मै आप सबका ज्यदा समय न लेते हुए आप सब को होली की बधाई दे रहा हू आप सभी ब्लागर भाइयों को होली की बहुत -बहुत शुभकामनाये आइये इस ब्लाग को भी रंग बिरंगे कलरो से रंग दे
 होली मुबारक हो आप सभी को एक बार फिर से  
                                                                     सौरभ दुबे
 

2 comments:

shashi said...

होली मुबारक हो अच्छा लेख

saurabh dubey said...

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